
दुनिया (2304)
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कम्युनिस्ट पार्टी में अपने विरोधी नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड को सीधी चुनौती दी है। ओली ने कहा है कि प्रचंड में हिम्मत है तो वह उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाएं। अपने गृह जिले झापा में आयोजित एक कार्यक्रम में ओली ने कहा कि प्रचंड अगर इतने ही शक्तिशाली हैं तो मेरे खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाएं और उसे पारित कराके दिखाएं।केपी शर्मा ओली ने कहा कि वह अभी भी संसद में पार्टी के नेता हैं और कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन भी हैं। यदि आप संसद दोबारा शुरू करा सकते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाएं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ओली ने संसद के निचले सदन को भंग कर चुनाव दोबारा कराने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद 20 दिसंबर को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर संसद के निचले सदन को भंग करने और चुनाव कराने को मंजूरी दी थी।इससे नेपाल में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने ओली सरकार के निर्णय को असंवैधानिक करार देते हुए निचले सदन को बहाल करने का आदेश दिया। सरकार को तेरह दिन के अंदर सदन बुलाने का निर्देश दिया गया है। निचले सदन को भंग करने के मामले में कम्युनिस्ट पार्टी दो धड़ों में बंट गई है। दूसरे धड़े का नेतृत्व पुष्प कमल दहल प्रचंड कर रहे हैं।ओली ने कहा है कि यदि आप हटा सकते हैं तो बेशक मुझे हटा दें। यदि मुझे अपदस्थ किया जाता है तो मैं अगले चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ जीत दर्ज करूंगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के सहयोगियों से मिलना शुरू कर दिया है। वहीं विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए मोर्चेबंदी तेज कर दी है।
म्यांमार में आंदोलनकारियों पर पुलिस की फायरिंग, 18 की मौत, यूएन में आवाज उठाने वालेे राजदूत बर्खास्त
यंगून। म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर रविवार को पुलिस ने फायरिंग की। इसमें 18 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र में सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाले म्यांमार की राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी। बता दें कि तख्तापलट और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार किए जाने के बाद से म्यांमार में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नवंबर में हुए चुनाव में सू की पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज की थी, लेकिन सेना ने धांधली की बात कहते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया थारविवार को सबसे बड़े शहर यंगून सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोकतंत्र समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर तख्तापलट का विरोध किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने स्टेन ग्रेनेड, आसूं गैस के गोले और हवा में फायरिंग की। जब इस पर भी प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए तो पुलिसवालों ने छिपकर प्रदर्शनकारियों को अपना निशाना बनाया। मीडिया में चल रही तस्वीरों में घायल हुए लोगों को उनके साथी उठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं फुटपाथ पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे हैं। यंगून स्थित एक डॉक्टर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि अस्पताल लाए जाने के बाद एक व्यक्ति की मौत हुई। उसके सीने पर गोली लगी थी।वहीं यंगून में ही टीचरों के प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने स्टेन ग्रेनेड का उपयोग किया, जिसके चलते एक महिला टीचर को दिल का दौरा पड़ा और उसकी तत्काल मौत हो गई। यंगून के एक अन्य इलाके में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन लोग मारे गए हैं। म्यांमार की मीडिया ने मांडले में दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। यंगून मेडिकल स्कूल के बाहर भी पुलिस द्वारा स्टेन ग्रेनेड फेंकने का पता चला है। डॉक्टरों के संगठन 'व्हाइटकोट अलायंस ऑफ मेडिक्स' ने कहा कि पचास से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य शहरों में भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिली है। तख्तापलट के बाद किए गए विरोध-प्रदर्शनों में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
रेकजाविक। आइसलैंड के ग्रिंडाविका में 5.6 रेक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आया है। यह जानकारी यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने दी है। भूकंप आने के बाद दहशत में लोग घरों से बाहर निकल गए। आइसलैंडिक मेट ऑफिस (IMO) के अनुसार, बुधवार 24 फरवरी 2021 को स्थानीय समयानुसार सुबह 10:15 बजे 4.2 किमी की बेहद उथली गहराई पर भूकंप आया। उथले भूकंप को गहराई से अधिक महसूस किया जाता है क्योंकि वे सतह के करीब होते हैं।भूकंप की सटीक समीक्षा अगले कुछ घंटों या मिनटों में की जा सकती है, क्योंकि भूकंप विशेषज्ञ आंकड़ों की समीक्षा करते हैं और अपनी गणना को परिष्कृत करते हैं, या अन्य एजेंसियां अपनी रिपोर्ट जारी करती हैं।प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर, भूकंप से कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं होना चाहिए था, लेकिन शायद कई लोगों द्वारा इसे हल्के कंपन के रूप में महसूस किया गया था।
वाशिंगटन। अमेरिका का जो बाइडन प्रशासन रूस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका अपने यहां सरकारी संस्थानों पर साइबर हमलों के मामलों में गंभीर है। इसके साथ ही रूस में विरोधी नेता एलेक्सी नवलनी को जहर देने और उसके बाद गिरफ्तारी से उत्पन्न घटनाक्रम को लेकर कड़ा रूख अपनाए है।अमेरिका में सुरक्षा में सेंध के मामलों के कारण नौ सरकारी विभाग और एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट कंपनियां अभी भी दिक्कत में हैं। प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नवलनी के मामले में प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका यूरोपीय यूनियन का भी सहयोग लेगा।रूस पर प्रतिबंधों के संबंध में यूरोपीय यूनियन के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरैल ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध के बारे में यूरोपियन यूनियन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेते हुए पूरी जानकारी ली है। उन्होंने इस मामले में बैठक को संबोधित भी किया।इससे पहले रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के लिए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवान ने भी संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि साइबर हमलों के जिम्मेदार को जल्द ही जवाब मिलेगा। हम अब से महीनों नहीं, सप्ताह का ही इंतजार करेंगे। उल्लेखनीय है कि रूस की कुछ कंपनियां निरंतर साइबर हमलों के लिए कुख्यात हैं।
पोर्ट लुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में मॉरीशस पहुंचे हैं। उन्होंने मॉरीशस के विदेश मंत्री समेत अन्य नेताओं के साथ बातचीत की। भारत और मॉरीशस के संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के वक्त भारत हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी मॉरीशस के लोगों के साथ ख रहा। भारत ने इस संकट के दौरान अपने मित्र पड़ोसी देश की 23 टन आवश्यक दवाओं के माध्यम से मदद की।जयशंकर ने कहा कि भारत की ओर से भेजी गई दवाओं की खेप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 50 करोड़ गोलियों के साथ आयुर्वेद की दवाएं भी मौजूद थी। हमारी सरकार के 'मिशन SAGAR' के तहत 14-सदस्यीय चिकित्सा सहायता टीम भी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध थी। भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीन की अतिरिक्त एक लाख खुराक आज ही मॉरीशस पहुंची है। हम इस वाणिज्यिक खरीद की सहूलियत मुहैया कराने के लिए खुश है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में कोविड वैक्सीन की और खेप आने वाली है। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में रविवार को मॉरीशस पहुंचे थे। उन्होंने मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता की। इस यात्रा के दौरान बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई। जयशंकर अपनी यात्रा के पहले पड़ाव मालदीव से यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मालदीव की यात्रा बेहद सफल रही है। बता दें कि मालदीव और मॉरीशस दोनों ही हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी देश हैं।